मलबे में जिंदगी की तलाश जारी: 45 जेसीबी लगाई, 5 से 20 फीट तक मलबा हटाना चुनौती
किश्तवाड़/श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में किश्तवाड़ के चिशोती गांव में मलबे में लंबे लोगों को निकालने के लिए शनिवार को तीसरे दिन भी खोज और बचाव अभियान जारी रहा। बादल फटने के बाद आई बाढ़ में बहे लोगों की तलाश की जा रही है। बचाव कार्य में 45 जेसीबी गई हैं, पर 5 से 20 फीट तक जमा मलबे को हटना चुनौती है। अब तक 60 लोगों की मौत हो चुकी है। 150 लोगों के लापता होने की आशंका है। यह संख्या 200 भी हो सकती है
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने चिशोती गांव पहुंचकर हालात का जायजा लिया और लोगों को मदद का भरोसा दिया। कार्य में 300 जवानों के साथ एनडीआरएफ, एसडीआएफ, स्थानीय पुलिस और जिला प्रशासन की टीमें लगी हैं। स्वैच्छिक कार्यकर्ता व पीड़ित परिजन भी मलबे में दबे लोगों की तलाश में जुटे हैं। डोडा, किश्तवाड़, भद्रवाह और जम्मू से 35 से 40 एम्बुलेंस भेजी गई हैं। केन्द्रीय मंत्री डॉ जितेन्द्र सिंह ने बताया कि वायुसेना के दो एमआई 17 हेलीकॉप्टर राहत सामग्री लेकर उधमपुर सैन्य स्टेशन पर खड़े हैं। मौसम खुलते ही वे उड़ान भरेंगे। सेना की मेडिकल टीम मौके पर है।
मचैल माता यात्रा पर 14 अगस्त को बादल फटने से आई आपदा में अस्थाई बाजार, सामुदायिक रसोई घर, मकान और सरकारी इमारतें, मंदिर, चार पनच पनचकिक्या, 30 मीटर लंबा पुल और कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए।