झालावाड़ स्कूल हादसा: राजस्थान में झालावाड़ के पीपलोद गांव में चार दशक पुराने सरकारी स्कूल की इमारत की छत का एक हिस्सा डहने से सात बच्चों की मौत हो गई। हादसे में 29 बच्चे घायल हुए हैं। इनमें से 13 गम्भीर हालत में आईसीयू में हैं। लापरवाही के आरोप में विद्यालय के पांच शिक्षक निलंबित कर दिए गए हैं। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने हादसे की जांच के आदेश दिए हैं।
झालावाड़ स्कूल हादसा शुक्रवार सुबह करीब 7.30 बजे तब हुआ जब बच्चे प्रार्थना कर रहे थे। उस कक्षा की छत पूरी तरह ढह जाने से 36 बच्चे मलबे में दब गए। इन कमरों में कक्षा 6 व कक्षा 7 की पढ़ाई होती थी। स्कूल के स्टाफ, वहां मौजूद अभिभावकों और ग्रामीणों ने तुरंत कार्य शुरू किया।
झालावाड़ स्कूल हादसे को लेकर ग्रामीणों ने बताया कि सरकारी स्कूल की इमारत की हालत बेहद जर्जर थी। दीवारों से पेड़ की शाखाएं निकल रही थी और लगातार पानी का रिसाव हो रहा था। कई बार शिकायत करने के बावजूद कार्रवाई नहीं हुई। कुछ बच्चों ने बताया कि हादसे से पहले छत का प्लास्टर गिरा, लेकिन शिक्षक ने नजरअंदाज कर दिया।
झालावाड़ स्कूल हादसा सुबह आठ बजे पुलिस को सूचना मिलते ही सामने आया। एसएचओ नंद किशोर ने बताया कि तुरंत टीम मौके पर पहुंची। हादसे में जान गवाने वाले बच्चों की पहचान कुंदर, कान्हा, रैदास, अनुराधा और बादल भील के रूप में हुई है। घायल बच्चों को झालावाड़ अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है। अभिभावकों ने बताया कि सरकारी मदद देर से पहुंची, लोग खुद बच्चों को इलाज के लिए अस्पताल ले गए।