पंकज चौधरी प्रदेश भाजपा के नए अध्यक्ष

पंकज चौधरी प्रदेश भाजपा के नए अध्यक्ष
केंद्रीय मंत्री चौधरी के अलावा किसी और ने नहीं किया नामांकन, निर्विरोध चुना जाना तय, आज आधिकारिक घोषण
भारतीय किसान मोर्चा पार्टी समाचार
लखनऊ। महराजगंज से सात बार के सांसद और केंद्रीय वित्तीय राज्यमंत्री पंकज चौधरी यूपी में भाजपा के नए अध्यक्ष होेंगे। शनिवार को उन्होंने कहा पांच सेट में नामांकन दाखिल किया। चौधरी के अलावा किसी और ने नामांकन नहीं किया है, लिहाजा उनके प्रदेश अध्यक्ष चुना जाना तय है। इसकी अधिकारिक घोषणा रविवार को केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और मुख्यमंत्री की मौजूदगी में एक मेगा इंवेंट में की जायेगी।
भाजपा के प्रदेश मुख्यालय में भरी गहमागहमी के बीच चौधरी के नामांकन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व बृजेश पाठक, प्रदेश सरकार में मंत्री सुरेश खन्ना, सूर्य प्रताप शाही, स्वतंत्रदेव सिंह, दारा सिंह चौहान, एके शर्मा व असीम अरूण और केंदी्रय मंत्री कमलेश पासवान समेत कुल 50 लोगों ने चौधरी के नाम का प्रस्ताव किया। वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी समेत 120 लोगों ने राष्ट्रीय परिषद के लिए नामांकन किया। ये लोग राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में मतदान करेंगें।
चौधरी शनिवार को दोपहर दो बजे भाजपा मुख्यालय पहुुंचे। यहाँ सीएम और अन्य नेताओं से मुलाकात की। फिर यूपी भाजपा के चुनाव अधिकारी व पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ॰ महेंद्र नाथ पाण्डेय और केंद्रीय चुनाव पर्यवेक्षक विनोद तावड़े को नामांकन पत्र सौंपा।
दोपहर ढाई बजे तक चलता रहा अटकलों का दौर
यूपी भाजपा के नए अध्यक्ष के नाम को लेकर पंकज चौधरी के पार्टी कार्यालय पहुुुंचने तक यानि दोपहर ढाई बजे तक रहस्य बना रहा। चौधरी के नामांकन की पुष्टि खबर बाहर आने के बाद रहस्य खत्म हुआ। दरअसल, इससे पहले सुबह 11 बजे पूर्व केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति पार्टी दफ्तर पहुंची तो उनके नाम को लेकर अटकलें शुरू हो गयी। अध्यक्ष के नाम को लेकर अंतिम समय तक चर्चा चलती रही। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य चौधरी के नाम लिए बगैर यह कहते हुए तस्वीर साफ कर दी कि नए अध्यक्ष 7 बार सांसद रहे हैं। वे अपने समाज में भी लोकप्रिय हैं। उन्होेेेंने पार्टी में अहम जिम्मेदारी निभाई है।
चौथी बार कुर्मी बिरादरी से प्रदेश अध्यक्ष
भाजपा के 17वें प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए नामांकन करने वाले पंकज चौधरी कुर्मी बिरादरी से चौथे अध्यक्ष होंगे। इनसे पहले विनय कटियार, ओम प्रकाश सिंह और स्वतंत्रदेव सिंह रह चुके हैं
सत्ता का केंद्र बना गोरखपुर क्षेत्र
केंद्रीय राजनीति से प्रदेश की सियासत में लौटे पंकज चौधरी के प्रदेश अध्यक्ष बनने से भाजपा को सियासत में पूर्वांचल का दखल बढ़ गया है। खासतौर से गोरखपुर क्षेत्र सत्ता का नया केंद्र बरकर उभरा है। देखा जाए तो गोरखपुर की राजनीति में योगी और पंकज चौधरी ही भाजपा के दो बड़े क्षत्रप हैं। अब इनमें से एक के पास सरकार और एक के पास भाजपा संगठन की कमान आ गयी है।
नसीला कफ सिरफ: ईडी के छापों में 454 बोगस फर्मो का खुलासाा
लखनऊ। नशीले कफ सिरफ की तस्करी का सिंडिकेट चलाने वालों का ठिकानों से प्रर्वतन निदेशालय (ईडी) को 454 फर्जी फर्मो की जानकारी मिली है। रांची स्थित शुभम जायसवाल की शैली ट्रेडर्स  ठिकाने पर छापे में  189 फर्जी फर्मो का पता चलने के बाद शनिवार को आरोपी विभोर राणा ने सहारनपुर स्थित ठिकाने से 125 फर्जी फर्मो और सीए विष्णु अग्रवाल के कार्यालय में तलाशी के दौरान 140 फर्जी फर्मे संचालित होने के पुख्ता सुराग हाथ लगे हैं। केवल इन तीन जगहों से ही 1000 करोड़ रूपये से अधिक के सिरप की तस्करी किये जाने की आशंका जतायी जा रही है। तीन राज्यों के 25 ठिकानों पर शुक्रवार को की गयी ईडी की कार्यवाही शनिवार दोपहर समाप्त हो गयी। शुभम जायसवाल के ठिकानों से मिले 189 फर्जी फर्मो के दस्तावेजों से 450 करोड़ रूपये की हेराफेरी करने के सुराग हाथ लगने के बाद अन्य दो ठिकानों की छानबीन में भी इस सिंडिकेट की करतूतों का खुलासा हुआ है। खासकर सीए विष्णु अग्रवाल के यहां से जिन 140 फर्जी फर्मो का डाटा मिला है, जिनकी भूमिका तस्करी से जुटाई गयी रकम के डायर्वजन और लेंयरिंग से जुड़ी मिली है। इसी तरह सहारनपुर में विभोर राणा और सहयोगियों द्वारा 125 फर्मो के जरिये काले धन के ट्रांसफर और डायवर्जन के संकेत मिले हैं।
दोनों भाइयों की फर्म का लाइसेंस निरस्त
दूसरे दिन भी जारी रही ईडी की जांच: सहारनपुर स्थित विभोर के आवास और कार्यालय में टीम ने खंगाले दस्तावेज, सीआरपीएफ जवानों की मौजूदगी में बिक्री रिकॉर्ड, स्टॉक रजिस्टर व वित्तीय लेनदेन की जांच
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सहारनपुर। कोडिनयुक्त कफ सिरप की अवैध तस्करी के मामले में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने विभोर राणा और उसके भाई विशाल सिंह की फर्म का लाइसेंस निरस्त कर दिया है। वहीं, शनिवार को भी ईडी (प्रवर्तन निदशालय) की टीम ने सीआरपीएफ जवानो की मौजूदगी में उनके शास्त्री नगर स्थित आवासकार्यालय को खंगाला। एक-एक दस्तावेजों  बारीकी से जांच की।
जीआर ट्रेडिंग का लाइसेंस विभोर राणा और एबट हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड फर्म का लाइसेंस विशाल सिंह के नाम पर है। दोनों सगे भाई हैं। इन पर आरोप है कि दोनों  भाइयों ने अपने साथियों के साथ मिलकर कोडिनयुक्त कफ सिरप की अवैध तस्करी यूपी के अलावा पश्चिम बंगाल, असम, उत्तराखंड , बिहार और बंग्लादेश में की हैविभोर, विशाल, सचिन और बिट्टू 12 नवंबर को एसटीएफ ने पकड़े थे। उसके बाद से व्यापार  में शामिल एक-एक की गिरफ्तारी होती जा रही है। दो दिन से ईडी विभोर और उसके भाई विशाल सिंह के आवास और कार्यालय में जांच की जा रही है।
शनिवार को भी दिन निकलेत ही ईडी ने आवास व कार्यालय पर अवैध दवा बिक्री से जुड़े दस्तावेज, स्टॉक रजिस्टर और वित्तीय  लेनदेन की गहन जांच की। उधर, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने भी कार्यवाही शुरू की दी है। सहायक आयुक्त औषधि दीपालाल और औषधि निरीक्षक राघवेन्द्र सिंह शास्त्री नगर में दोनों भाइयों के आवास पर पहुंचे।
कई अन्य फर्म भी निशाने पर, सहारनपुर के छह लोग गिरफ्तार
देशभर के दवा बाजार में कोडिनयुक्त कफ सिरप की आपूर्ति का मामला गर्म होता जा रहा है। दवा व्यापार की आड़ में कोडिनयुक्त कफ सिरप के धंधे से जुड़े चेहरे बेनकाब हो रहे हैं। कफ सिरप मामले में सहारनपुर के छह लोगों केा गिरफ्तारी हो चुकी है। इनमें चार को सहारपुर से और दो को एसटीएफ ने लखनऊ के आलमबाग से गिरफ्तार किया है। अभी इनके नेटवर्क में कितने लोग शामिल है, उनकी भी तलाश चल रही है। कई अन्य फर्म भी एसटीएफ के निशाने पर है।
कोडीन कफ सिरप की अवैध बिक्री व करोड़ों के लेनदेन का खुलासा
लखनऊ। तीन राज्यों के 25 ठिकानों पर शुक्रवार को की गयी ईडी की कार्यवाही शनिवार दोपहर समाप्त हो गयी। छापों के दौरान अहमदाबाद में मनोहर जायसवाल की मेर्सस आर्पिक फार्मास्युटिकल्स प्राइवेट लिमिटेड और उसकी सहयोगी कंपनी मेसर्स इधिका लाइफ साइंसेज के परिसरों की तलाशी की अवैध बिक्री, डायवर्जन और कई करोड़ रूपये के बेहिसाब लेन-देन का खुलासा हुआ है। ईडी ने कंपनी के निदेशकों के दो मोबाइल फोन जब्त किये हैं। वहीं शुभम के घर की कीमत का पता लगाने के लिए भेजे गये वैल्यूअर ने इंटीरियर के काम में करीब 2 करोड़ खर्च होेने की रिपोर्ट दी है। उसके घर में मिले विदेशी टाइल्स आदि सामान की कीमत भी करोड़ो में पाई गयी है।
माफिया की दशहत से खडे़ किये हाथ
आलोक और शुभम के घर की कीमत का पता लगाने के लिए ईडी ने जिन बैल्यूअर को भेजा था, उन्होनें माफिया की दशहत की वजह से रिपोर्ट बनाने से मना कर दिया। बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह के घर पर भेजे गये तीन वैल्यूअर बिना रिपोर्ट बनाये वापस चले गये, जिसके बाद चौथे वैल्यूअर को तलाश कर भेजा गया। इसी तरह वाराणसी में भी शुभम के घर की कीमत का पता लगाने गया वैल्यूअर वापस चला गया, जिसके बाद लखनऊ से दूसरा वैल्यूअर भेजना पड़ा।
आलोक से जेल में होगी पूछताछ: बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह के घर पर छापे के दौरान जब उसके परिजनों से आलीशान निर्माण कार्य में खर्च हुई रकम का स्त्रोत पूछा गया तो उन्होंने कोई जानकारी होने से इन्कार कर दिया। वह ईडी के अधिकारियों के सामने कोई दस्तावेज भी पेश नहीं कर पाये। अब ईडी जेल में आलोक सिंह से पूछताछ कर घर के निर्माण में खर्च की गयी रकम का स्त्रोत पता लगायेगी। फिलहाल जांच में उसका ऐसा कोई कारोबार सामने नहीं आया है, जिसकी कमाई से इतना आलीशान घर बनवाया जा सके।
30घंटे तक शुभम और सीए विष्णु के ठिकाने पर चली ईडी की जांच
वाराणसी। कफ सिरप के अवैध कारोबार मामले में  आरोपी शुभम अग्रवाल के ठिकानों पर ईडी ने लगभग 30 घंटे तक जांच की। शनिवार की अपराहृन पौने तीन बजे तक ईडी की टीम ने छानबीन की। इस दौरान शुभम जायसवाल के दो ठिकानों से ईडी की टीम ने 15-15 पेज की दो फाइलों के दस्तावेज अपने कब्जे में लिए हैं।
न्नपूर्णा इंक्लेव निवासी सीए विष्णु अग्रवाल के फ्लैट व कार्यालय से ईडी ने 140 फर्म के प्रपत्र बरामद किये। शुक्रवार सुबह 8 बजे से शनिवार अपराहृन पौने तीन बजे तक चली जांच में टीम अहम साक्ष्य से जुड़ी फाइलें लेकर लौटीं।

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