तीन राज्यों मे 25 ठिकानों पर ईडी के छापे
लखनऊ, वाराणसी, सहारनपुर, जौनपुर, रांची व अहमदाबाद में मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत खंगाले गये आरोपियों के ठिकाने
भारतीय किसान मोर्चा पार्टी समाचार
लखनऊ। नशीले कफ सिरप सिंडिकेट के आरोपियों के 25 ठिकानों पर शुक्रवार को पवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीमों ने छापा मारकर अहम सुराग जुटाये। मनी लान्ड्रिंग जांच के तहत यूपी, गुजरात, झारखंड में यह कार्यवाही की गयी। लखनऊ में बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह के सल्लतानपुर रोड़ स्थित आवास और अहमदाबाद में आर्पिक फार्मा कंपनी के निदेशक मनोहर लाल राम प्रसाद जायसवाल के सरोजनीनग स्थित ठिकाने को खंगाला गया।
वाराणसी में शुभम जायसवाल, अमित सिंह टाटा, सहारनपुर में विभोग राणा सिंह, चाटर्ड अकाउटेंट विष्णु अग्रवाल के ठिकानों पर छानबीन जारी है। सभी जगह से कफ सिरप की खरीद-फरोख्त से जुड़ा डाटा, कंप्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल और तमाम दस्तावेज बरामद किये गये। अधिकारियों के मुताबिक छापे की कार्यवाही शनिवार को भी जारी रहेगी।
ईडी ने रांची में शुभम जायसवाल के गोदाम, अहमदाबाद में आर्पिक फार्मा कंपनी की फैक्टरी, जौनपुर में अमित सिंह टाटा के आवास पर भी छापा मारा है। ईडी ने बीते सप्ताह इस मामले में दर्ज 30 से ज्यादा एफआईआर के आधार पर आरोपियों के खिलाफ प्रिवेशन ऑफ मनी लान्ड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था। साथ ही, खाद्य सुरक्षा एंव औषधि प्रशासन विभाग द्वारा दर्ज करायी गयी। 132 एफआईआर का ब्योरा लेकर आरोपियों की चिहिृनत किया था। इसके बाद शुक्रवार सुबह 7.30 बजे सभी आरोपियों के ठिकानों पर एक साथ छापा मारा गया। इस दौरान केंद्रीय सुरक्षा बल के साथ ईडी के 50 से ज्यादा अधिकारी मौजूद रहे।
बर्खास्त सिपाही आलोक का महल देख दंग रह गये अधिकारी, धनंजय ने खलवाया गेट
ईडी के अधिकारी बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह का सुल्तानपुर रोड़ स्थित महलनुमा घर देखकर दंग रह गये। ईडी की टीम वहाँ पहुंची तो घर में मौजूद महिलाओं ने गेट खोलने से मना कर दिया। अधिकारियों के मुताबिक आलोक के घर के सामने रहने वाले पूर्व सांसद बाहुबली धनंजय सिंह बाहर आये और उन्होंने अधिकारियों से परिचय पूछा। ईडी की कार्यवाही का पता चलने पर उन्होेंने आलोक सिंह के घर का गेट खुलवाया। भीतर महलनुमा घर और बेशकीमती सामान देख अधिकारी भी दंग रह गये कि आखिर एक बर्खास्त सिपाही के पास इतनी अकूत संपदा कहां से आई। इसके बाद घर के हर कोने की गहनता से छानबीन शुरू कर दी गयी। अधिकारियों ने घर में मौजूद हर सामान की लिस्ट भी बनायी है।
आर्पिक फार्मा पर भी शिकंजा
ईडी ने आर्पिक फार्मास्युटिकल्स प्राइवेट लिमिटेड के अहमदाबाद के ग्रीन पार्क और लखनऊ के सरोजनी नगर के गिरधामखेड़़ा स्थित कैलाश विहार कॉलोनी पर छापा मारा। इसका संचालन मनोहर लाल राम जायसवाल और अर्चना जायसवाल करते हैं। बीते दिनों एफएसडीए द्वारा आर्पिक फार्मा के ट्रांसपोर्ट नगर स्थित गोदाम में छापे के दौरान कोडीनियुक्त कफ सिरप की बड़ी खेप को अवैध तरीके से सप्लाई करने के सुराग मिलने पर कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी गयी थी। गोदाम से कोडीन सिरप, ट्रामाडॉल औश्र अल्प्राजोलम टैबलेट्स भी बरामद हुई थी। इन्हें नेपाल और बांग्लादेश भेजा जा रहा था। इसी का सुराग तलाशने के लिए ईडी ने संचालकों के ठिकानों को खंगाला है। शासन ने भी मनोहर जायसवाल का नाम सिंडिकेट के मास्टरमांइड में शुमार किया है।
कफ सिरप: काली कमाई से बनवाए आलीशान घर
शैली ट्रेडर्स के ठिकानों से मिला 189 फर्जी फर्मों का व्योरा
शुभम के घर से मिलीं बेशकीमती घड़ियां, प्रादा और गुच्ची के लग्जरी बैग बर्खास्त सिपाही ने अपने घर में केवल कंस्ट्रक्शन पर खर्च किये 5 करोड़ रूपये
भारतीय किसान मोर्चा पार्टी समाचार
लखनऊ। ईडी द्वारा रांची में शुभम जायसवाल की फर्म शैली ट्रेडर्स के ठिकानों पर छापों के दौरान 189 फर्जी फर्मों का ब्योरा मिला है, जिनके जरिये 450 करोड़ रूपये का टर्नओवर दर्शाया गया था, जबकि कफ सिरप की तस्करी की गयी थी। वहीं शुभम जायसवाल के वाराणसी स्थित पैतृत आवास से तमाम लग्जरी सामान बरामद किया गया है, जिसमें प्रादा और गुच्ची के डिजाइनर बैग और राडो और ऑडेमर्स पिगुएट जैसे ब्रांड की हाई-एंड लग्जरी घड़ियां शामिल है। इनकी कीमत 1.5 करोड़ रूपये से ज्यादा है।
वाराणसी में शुभम के पैतृक आवास बंद होने की वजह से ईडी ने ताला तोड़कर तलाशी ली, जिसमें तमाम लग्जरी सामान बरामद हुआ है। जांच मे सामने आया है कि शुभम जायसवाल, बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह, सहारानपुर के विभोर राणा व विशाल सिंह ने अपने आलीशान घरों में करोड़ों रूपये खर्च किये। अधिकारियों को शक है कि कफ सिरप की तस्करी से होने वाली बेशुमार काली कमाई को खर्च किया गया। सभी के घरों में इंटीरियर का महंगा काम कराया गया है। ईडी के अधिकारी सरकार से अधिकृत बैल्यूअर से घर और इंटीरियर की कीमत का पता लगा रहे हैं ताकि आगे उन्हें जब्त किया जा सके।
एबॉट कंपनी पर कफ सिरप क उत्पादन बंद करने से गहरा रहा शक
लखनऊ। नशीले कफ सिरप सिडिंकेट की जांच में फेंसेडिल सिरप बनाने वाली मल्टीनेशनल कंपनी एबॉट पर एजेंसियों का शक गहराता जा रहा है। कंपनी द्वारा बीते वर्ष दिसंबर माह में अचानक फेंसेडिल सिरप का उत्पादन बंद करने की वजहों का पता लगाया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो कोडीनयुक्त कफ सिरप के उत्पादन और बिक्री पर लगे तमाम प्रतिबंधों के बावजूद कंपनी इसका धड़ल्ले से उत्पादन करने के साथ संदिब्ध फर्मों को बेच रही थी।
अचानक सिरप का उत्पादन बंद करने और सारा बचा माल ठिकाने लगाने से ईडी का शक गहराया
कंपनी ने एसटीएफ के सवालों का पूरा जबाब नहीं दिया, ईडी भी कंपनी से करेगा जबाब-तलब
अधिकारियों के मुताबिक कोडीनयुकत कफ सिरप देश भर में 20 से ज्यादा फार्मास्युटिकल्स कंपनी द्वारा बनाया जाता है, लेकिन बीते कुछ वर्षो के दौरान अधिकतर विवाद फेंसेडिल कफ सिरप को लेकर सामने आये हैं। इस सिरप को कई बार तस्करी की कोशिश करने के दौरान एसटीएफ, एफएसडीए, नारकोटिक्स आदि एजेंसियों द्वारा पकड़ा भी गया, हालांकि इसके बाद कंपनी ने सावधानी नहीं बरती। इतना ही नहीं, उत्पादन बंद करने से पहले उसने विभोर राणा, विशाल सिंह, अभिषेक शर्मा की फर्मों में बचा हुआ करीब 100 करोड़ रूपये का सिरप वापस मंगाकर शुभम जायसवाल की रांची स्थित शैली टेªडर्स को बेच दिया था, जिसे बाद में बंग्लादेश भेजा गया।
इस मामले में गिरफ्तार हो चुके आरोपियों ने फेंसेडिल कफ सिरप की तस्करी में एबॉट कंपनी के अधिकारियों की मिली भगत को भी स्वीकारा है। एसटीएफ ने कंपनी को नोटिस देकर तमाम सवाल पूछे हैं, जिनका पूरा जबाब अभी नहीं मिला है। जल्द ईडी भी कंपनी पर अपना शिकंजा कसने की तैयारी में है।
विभोर राणा के ठिकानों पर 10 घंटे से ज्यादा रही ईडी
सहारनपुर। थाना सदर बाजार की शास्त्री नगर कॉलोनी में फार्मास्यिुटिकल्स यूनिट और एबट हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड के ठिकानों पर शुक्रवार को ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने छापा मारा। सुरक्षा के मद्देनजर सीआरपीएफ के जवान तैनात रहे। टीम ने एबट कंपनी की डिस्ट्रीब्यूशन से जुड़े दस्तावेज, बिक्री रिकॉर्ड, स्टॉक रजिस्टर, बिल, जीएसटी और वित्तीय लेनदेन की गहन जांच की। कार्यवाही देर शाम तक जारी रही।






