1- नेता चाहे तो दो सीट से एक साथ चुनाव
लड़ सकता है ! लेकिन….
आप दो जगहों पर वोट नहीं डाल सकते,
2-आप जेल में बंद हो तो वोट नहीं डाल
सकते..लेकिन
नेता जेल में रहते हुए चुनाव लड़ सकता है.
3-आप कभी जेल गये थे, तो
अब आपको जिंदगी भर
कोई सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी,
लेकिन……
नेता चाहे जितनी बार भी हत्या या बलात्कार के मामले में जेल गया हो, फिर भी वो प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति जो चाहे बन सकता है,
4-बैंक में मामूली नौकरी पाने के लिये
आपका ग्रेजुएट होना जरूरी है..
लेकिन,
नेता अंगूठा छाप हो तो भी भारत का फायनेन्स मिनिस्टर बन सकता है।
5-आपको सेना में एक मामूली
सिपाही की नौकरी पाने के लिये डिग्री के साथ 10 किलोमीटर दौड़ कर भी दिखाना होगा,
लेकिन….
नेता यदि अनपढ़-गंवार और लूला-लंगड़ा है
तो भी वह आर्मी, नेवी और एयर फोर्स का चीफ यानि डिफेन्स मिनिस्टर बन सकता है
और
जिसके पूरे खानदान में आज तक कोई स्कूल नहीं गया.. वो नेता देश का शिक्षामंत्री बन सकता है
और
जिस नेता पर हजारों केस चल रहे हों..
वो नेता पुलिस डिपार्टमेंट का चीफ यानि कि गृह मंत्री बन सकता है.
यदि
आपको लगता है कि इस सिस्टम को बदल देना चाहिये..
नेता और जनता, दोनों के लिये एक ही कानून होना चाहिये..
तो
इस संदेश को फॉरवर्ड करके देश में जागरुकता लाने में अपना सहयोग दें..
अगर फॉरवर्ड नहीं किया तो आप किसी भी नेता को दोषी मत कहना ….,
नहीं किया तो नुकसान का जिम्मेदार आप खुद होगें।
सरकारी कर्मचारी 30 से 35 वर्ष की संतोषजनक सेवा करने के उपरांत भी पेंशन का हकदार नहीं ? जब कि मात्र 5 वर्ष के लिए विधायक / सांसद को पेंशन यह कहाँ का न्याय है…?