400 पार का नारा और मोदी की गारंटी सिर्फ और सिर्फ जुमला साबित होगा, इससे ज्यादा कुछ नहीं। जो प्रचारजीवी प्रधानमंत्री अपनी पत्नी का नहीं हुआ, वो देश के हित की बात नहीं कर सकता।
मोदी सरकार की विफलताएं अडानी-अंबानी जैसे धन्नासेठों और सवर्ण वर्ग के हित तक सीमित रही हैं। देश को 205 लाख करोड़ के कर्ज में डुबोना, हर नागरिक को ₹1.5 लाख का कर्जदार बनाना—यही असली सच्चाई है।
2014 से हिंदू-मुस्लिम, मंदिर-मस्जिद की नफरत को हवा देने वाली यही भाजपा सरकार है। भ्रष्टाचार की जड़ें इसी सरकार में गहरी हुईं। नीरव मोदी, ललित मोदी, मेहुल चोकसी जैसे घोटालेबाजों को भगाने वाली भी यही मोदी सरकार है।
बलात्कारी नेताओं—बृजभूषण सिंह, प्राज्वल रेवन्ना, चिन्मयानंद को बचाना, अंकिता भंडारी जैसे केस में आरोपी को संरक्षण देना—यही मोदी सरकार की विफलताएं हैं।
किसान आंदोलन के दौरान 700 किसानों की हत्या, लखीमपुर खीरी जैसे नरसंहार में शामिल भाजपा नेताओं को बचाना, शिक्षा में भ्रष्टाचार और आरक्षण का अपमान—इन सबके पीछे योगी-मोदी की सरकार है।
इलेक्टोरल बॉन्ड, आरएसएस एजेंडा, OBC वर्ग की अनदेखी, लैटरल एंट्री घोटाला—ये सब उदाहरण हैं मोदी सरकार की विफलताओं के।
CAA-NRC, पुलवामा हमला, शिक्षा को व्यापार बनाना, चुनावी चंदे में घोटाले और कोरोना टीकाकरण से जुड़े गंभीर सवाल—all expose the जनविरोधी चेहरा।
मणिपुर की चुप्पी, लोकतंत्र की हत्या, विपक्ष का निलंबन—इस सब से यह स्पष्ट होता है कि मोदी सरकार की विफलताएं अब जनता के सामने हैं।