प्रयागराज। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से पीएम कल्याण अन्न योजना की अवधि पांच साल और बढ़ाने की घोषणा पर केन्द्रीय मंत्रीमंडल ने मुहर लगा दी है। सरकार ने करोड़ों लोगों को मुफ्त राशन देने की योजना बढ़ाई है, लेकिन दूसरी ओर युवा बेरोजगार होते जा रहे हैं और महंगाई लगातार बढ़ रही है। यदि जितना पैसा सरकार मुफ्त राशन बांटने में खर्च कर रही है, उतना बंद पड़ी कम्पनियों को चालू कराने में लगाए तो लाखों लोगों को रोजगार मिल सकता है और सरकार को भी फायदा होगा। लेकिन चुनाव के समय जनता को मुफ्त राशन का प्रलोभन देकर गुमराह करना जनता के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का कहना है कि 4.5 लाख नौकरियां दी गईं, लेकिन उसका स्पष्ट ब्यौरा सामने नहीं है। भाजपा सरकार के मंत्री केवल हिन्दू-मुस्लिम मुद्दों को हवा देने में लगे हैं, जबकि बेरोजगारी और महंगाई की असली समस्या पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा। जब भी भाजपा की सरकार केन्द्र या राज्य में आई है, मुफ्त राशन बांटने के साथ बेरोजगारी और महंगाई की दर बढ़ी है। गरीब, मजदूर, किसान और आम जनता दवाइयों के अभाव में मरते जा रहे हैं। सरकार को चाहिए कि दवाइयां फ्री या टैक्स कम करके उपलब्ध कराए, ताकि जनता अपना इलाज आसानी से करा सके।






